Chaitra Navratri 2024- Ashtami aur Navami: – चैत्र नवरात्रि मे अष्टमी, महानवमी कब है, और कन्या पूजन का है महत्व – हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक चैत्र नवरात्र का उत्सव मनाया जाता है। इस अनुसार, 09 अप्रैल दिन मंगलवार से चैत्र नवरात्र शुरू हो जुकी है, और इसका समापन 17 अप्रैल नवमी तिथि पर कन्या पूजन के साथ होगा. कन्या पूजन अष्टमी पर कुछ लोग पूरा करते है, तो कोई नवमी तिथि पर। नवरात्र के नौ दिन मे,माता दुर्गा देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार माता दुर्गा नौ दिन हर रोज एक नया रूप धारण करती है, इस नौ स्वरूप के नाम भी नौ तरह के है। दुर्गा माँ के इन नौ दिन के नौ स्वरूप को नवरात्रि कहते है। इस नवरात्रि का हमारे जीवन मे बहोत बडा महत्व है, नौ दिन नवरात्रि का व्रत और पूजा पाठ करनेसे हमारे जीवन के सारे कष्ट दूर जाते है, जगतजननी माता दुर्गा माँ की आशीर्वाद से घर मे सुख शांति आती है। नवरात्रि के नौ दिन भक्त व्रत रखते है। नौ दिनों में सबसे पहले माता दुर्गा और इसके अगले नौ दिनों तक माता के एक एक स्वरूप की पूजा, पाठ, मंत्र जाप, विधि विधान के साथ की जाती है। पहले दिन घटस्थापन की जाती है, और अखंड ज्योत जलाई जाती है। माता का सोलह शृंगार किया जाता है, वैसे तो नवरात्रि के हर दिन का खास महत्व होता है। लेकिन आखरी के दो दिन महाअष्टमी और महानवमी अधिक महत्वपूर्ण माने जाते है। अष्टमी तथा नवमी पर संपूर्ण घरों में पूजा हवन तथा नौ कन्याओं को भोग व उनका पूजन इत्यादि धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। जो लोग नवरात्रि का व्रत रखते है व्हो अष्टमी – नवमी (Chaitra Navratri 2024 )पर इसका पारण करते है।
Chaitra Navratri 2024 – Ashtami aur Navami: – चैत्र नवरात्रि मे अष्टमी, महानवमी कब है, और कन्या पूजन का है महत्व – दुर्गा माँ के इन नौ दिन के नौ स्वरूप को नवरात्रि कहते है। नवरात्रि के हर दिन का खास महत्व होता है। लेकिन आखरी के दो दिन महाअष्टमी और महानवमी अधिक महत्वपूर्ण माने जाते है। अष्टमी तथा नवमी पर संपूर्ण घरों में पूजा हवन तथा नौ कन्याओं को भोग व उनका पूजन इत्यादि धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। जो लोग 9 दिन तक नवरात्रि का व्रत रखते है व्हो अष्टमी – नवमी पर इसका पारण करते है। चैत्र नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी तथा महानवमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और अष्टमी नवमी तिथि पर कन्या पूजन का महत्व जान लेंगे।
अष्टमी तिथि (Ashtami Tithi)
नवरात्रि के आठवें दिन अष्टमी मनई जाती है. इस दिन दुर्गा माँ के महागौरी रूप की आराधना की जाती है. इस बार चैत्र नवरात्रि में अष्टमी की तिथि 15 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होगी और 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। ऐसे में अष्टमी पूजन (Ashtami Puja) 16 अप्रैल को मनाई जाएगी। जो लोग अष्टमी पे कन्या पूजन करते है वह 16 अप्रैल को कर सकते है।
Chaitra Navratri 2024 – Ashtami aur Navami: – चैत्र नवरात्रि मे अष्टमी, महानवमी कब है, और कन्या पूजन का है महत्व :– नवमी तिथि (Navami Tithi)
नवरात्रि की नवमी को माँ दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है. इस दिन हवन और कन्या पूजन के बाद व्रत रखने वाले भक्त पारण करते हैं. चैत्र नवरात्रि में नवमी (Navami) की तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट से शुरू होगी और 17 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगी. चैत्र नवरात्रि की नवमी पूजन 17 अप्रैल को होगी. जो लोग नवमी तिथि पर कन्या पूजन करते है 17 अप्रैल को कर सकता है। यह नवरात्रि का आखरी दिन होता है। चैत्र नवरात्रि की नवमी को प्रभु श्री राम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। इसिलिए चैत्र नवरात्रि की नवमी को रामनवमी के नाम से भी जाना जाता है।
दुर्गा माँ के इन नौ दिन के नौ स्वरूप को नवरात्रि कहते है। नवरात्रि के हर दिन का खास महत्व होता है। लेकिन आखरी के दो दिन महाअष्टमी और महानवमी अधिक महत्वपूर्ण माने जाते है।जो लोग 9 दिन तक नवरात्रि का व्रत रखते है व्हो अष्टमी – नवमी पर इसका पारण करते है।
Chaitra Navratri 2024- Ashtami aur Navami: – चैत्र नवरात्रि मे अष्टमी, महानवमी कब है, और कन्या पूजन का है महत्व – अष्टमी नवमी तिथि पर कन्या पूजन का महत्व
Chaitra Navratri 2024, Ashtami aur Navami: – चैत्र नवरात्रि मे अष्टमी, महानवमी कब है, और कन्या पूजन का है महत्व – नवरात्रि मे अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाता है, नवररती मे कन्या पूजन का बडाही महत्व है। इस पर्व पर कन्याओ की पूजा की जाती है, जिसे कंचक भी कहा जाता है। इस पूजन मे नौ साल तक की कन्याओं की पूजन करने का विधान है। धार्मिक मान्यता अनुसार महागौरी की उम्र भी 8 साल थी। नवरात्रि मे अष्टमी या नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने से माँ गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। घर मे सारे कष्ट दूर होके सुख समृद्धि का आगमन होता है।