PUTHANDU 2024: -पुथनडु कब है, और कैसे मनाया जाता है, क्या है इसकी मान्यता :- दक्षिण भारत के तमिल समुदाय के लोग आज यानी 14 अप्रैल 2024 को अपना नया साल (New Year) मना रहे हैं. तमिल नव वर्ष की शुरुवात को पुथांडु कहा जाता है। पहला दिन हर साल 14 अप्रैल को पड़ता है, इसलिए इस दिन तमिल नव वर्ष यानी पुथांडु (Puthandu ) के पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। तमिलनाडु के लोग पुथांडु का उत्सव बड़े धूम धाम से और पारंपरिक तरीके से मनाते है।
अपने देश मे सभी अपने धर्मो की मान्यता अनुसार अलग अलग दिन पर नववर्ष मनाते है। जैसे की महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्द्रा प्रदेश मे गुड़ीपाड़वा के उगादि से अपना नया साल मानते है वही पश्चिम बंगाल मे बैसाख से नया साल मानते है। आज हम आपको पुथनडु तमिल नाडु नव वर्ष के बारे मे जानकारी देंगे।
कब मनाया जाता है पुथनडु
PUTHANDU 2024: – दक्षिण भारत के तमिल समुदाय के लोग तमिल नव वर्ष की शुरुवात को पुथांडु कहा जाता है। तमिल नव वर्ष की शुरुवात को पुथनडु कहा जाता है। यह पर्व तमिल कैलेंडर के अनुसार जब संक्राति और सूर्यास्त के बीच पड़ती है, तो उसी दिन से नए साल की शूरवात को मानते है। तो आज यानी 14 अप्रैल 2024 को अपना नया साल (New Year) मना रहे है।
पुथनडु कैसे मनाया जाता है।
PUTHANDU 2024: ‘कन्नी’ एक प्रसिद्ध प्रथा है जिसका नए साल का शुभ प्रथम दर्शन कहा जाता है। इसकी तयारी एक दी पहले की जाती है। गहने, फल, पान के पत्ते, नकदी, फूल और एक दर्पण से भरी एक थाली को सजाया जाता है और यह सुनिश्चित करने के लिए रखा जाता है, कि यह पहली बार दिखाई दे। ऐसा माना जाता है कि इस ‘कन्नी’ के दर्शन सबसे पहले आने वाले वर्ष में समृद्धि और खुशियों को आमंत्रित करते हैं।इस दिन घरों मे रंगोलिया बनाई जाती है, इस रंगोली या कोलम के बीच में ‘कुथुविलक्कू’ के नाम से जाना जाने वाला एक दीपक रखा जाता है, जो किसी के जीवन से अंधकार के उन्मूलन का प्रतीक है। साथ ही काही तरह के मिष्ठान बनते है। मिष्ठान जैसे आम पचड़ी (गुड़, मिर्च, नीम के पत्ते, नमक, फूल और इमली का मिश्रण), अप्पलम, पायसम, नारियल का दूध, परुप्पु वडई, अवियल, दही, और वेप्पम पू रसम भी तैयार किए जाते हैं। बच्चों को बड़ों के आशीर्वाद के रूप में उपहार और नकद राशि दी जाती है। हर कोई चमकीले रंग के नए कपड़े पहनता है और वे एक दूसरे को ‘पुथंडु वज़थुकल’ या ‘पुथंडु पिराप्पुव’, जिसका अर्थ है ‘हैप्पी न्यू ईयर’ की शुभकामनाएं देते हैं। ऐसे खुशी खुशी मनाते है पुथनडु।
क्या है इसकी मान्यता
PUTHANDU 2024: – तमिलनाडु के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है पुथंडु, इसका वहां विशेष मान्यता है और इस विशेष अवसर का तमिल लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। यह प्रसिद्ध त्योहार कई प्रमुख संदर्भों के साथ जुड़ा हुआ है। पुथंडु को ब्रह्मदेव द्वारा ब्रह्मांड के निर्माण के दिन के रूप में तमिल समुदाय के बीच मनाया जाता है। वहीं, कुछ लोगों का यह भी मानना है कि ‘सद्भाव के राजकुमार’ इंद्रदेव शांति और संतोष सुनिश्चित करने के लिए इस दिन पृथ्वी पर आए थे। इसलिए, इस दिन को वर्ष का अत्यधिक अनुकूल और महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।पुथनडु को चीथिरई, और ‘वरूषा पीरप्पू’ कहते है। पुथनडु को तमिल लोग बोहत ही शुभ और महत्वपूर्ण त्योहार मानते है। नए साल का पहला दिन सकरात्मा और खुशियों के साथ मनाया जाता है। इस दिन अपने जीवन मे सुख समृद्धि बड़ाने के लिए भगवान से प्रार्थना करते है। अपने इष्ट देवताकि श्रद्धा-भक्ति से पूजा आर्चना करके, नए साल मे अच्छा स्वस्थ, धनकी वृद्धि, सुख शांति के लिए ईश्वर से मानोकामना करते है। कई लोग शुभ कार्य की शूरवात या व्यवसाय शुरू करने के लिए एक अत्यंत शुभ दिन भी मानते है।